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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

जब दिल टूटा अपना

कापीराइट गजल

जब दिल टूटा अपना यारो था साथ नहीं कोई मेरे
गम और तन्हाई के सिवा था साथ नहीं कोई मेरे

उस दिन मेरे संग बैठकर जब रोई ये मस्त बहारें
घूम रहा था वक्त का पहिया
जैसे कोई साथ मेरे

इस दिल के अरमान सभी मिल गए खाक में ऐसे
यूं खेल ये अनहोनी ने खेला जैसे कोई साथ मेरे

कैसे करें शिकायत हम जब अपने दिल तोङ गए
टूट गई ये उम्मीदें सारी और नहीं कुछ साथ मेरे

टूटे सपने छूटे अपने न जाने क्या-क्या टूट गया
इस टूटे पैमाने की कसम और नहीं कोई साथ मेरे

इश्क का पागलपन न जाने हम को कहां ले जाएगा
इश्क में यूं जलने वाला और नहीं कोई साथ मेरे

मेरे लिए तो बेमानी है अब ये सारी दुनियां यादव
बेमतलब सी दुनियां में अब कौन रहेगा साथ मेरे

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Updesh Kumar Shakyawar said

इश्क का पागलपन न जाने हम को कहां ले जाएगा... मसला ग़मगीन है...Good morning

Lekhram Yadav replied

Very good morning sir thanks for such a cute comment.

कमलकांत घिरी said

बहुत खूबसूरत रचना सर जी सादर प्रणाम आपको 🙏

Lekhram Yadav replied

बहुत बहुत शुक्रिया कमलकांत भाई आपको सादर नमस्कार

Supriya sahu said

शानदार एवं लाज़वाब रचना सर जी 👌, आपको सादर प्रणाम 🙏।

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत शुक्रिया मैम, आपको सादर नमस्कार

श्रेयसी said

आधा ग्लास पानी है बस ये सोचना है आधा ग्लास खाली है ये नहीं। वैसे बहुत सुंदर रचना है। सुप्रभात सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद मेरी प्यारी बहना, आपका कमेंट देख कर मुझे मशहूर शायर मिर्जा गालिब का एक किस्सा याद आ गया, जरा ध्यान से सुनना और मजा लेना बाकि सब भूल जाना, यह वाक्या उस वक्त का है जब गालिब एक कुंए की मुंडेर पर बैठ कर अपने शेर की एक लाईन लिख चके थे और शेर पूरा करने के लिए उसी एक लाईन को दोहरा रहे थे, तभी एक शख्स उधर से गुजरे और गालिब साहब की यह स्थिति देख कर बोले पङे और उनका शेर पूरा हो गया, शेर अरज है - इतनी गहराईयों में न जा एक गालिब शख्स ने कहा - डूब गया तो क्या तेरा बाप बचाएगा। ---- और शेर पूरा हो गया। ये तो वाक्या था, और आप हर बात को सिरीयसली (गमभीरता) से लेती हो, आप तो शायरा हो, आपको पता है बिना कल्पना और झूठ के शायरी नहीं होती, इसलिए हर रचना को पढ़कर उसका मजा लें और अंग्रेजी की इस कहावत को फालो करें - 'Take it easy' अर्थात हर बात पर धैर्य से काम लें और किसी बात को मन में न रखें अगर किसी बात को मन में रखोगे तो वह आपको चैन से सोने नहीं देगी और तनाव ग्रस्त हो जाओगे, मेरी तरह 'फिक्र नाॅट' की एक गोली सुबह और शाम रोज लें और मस्त रहें। यही खुश रहने का एक तरीका है। आपको सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर रचना...

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद मेरी प्यारी बहना आपको सादर नमस्कार

श्रेयसी said

फिर तो ठीक है अब याद रखूंँगी। धन्यवाद 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

ओ के थैंक्स

वन्दना सूद said

उस दिन मेरे संग बैठकर जब रोई ये मस्त बहारें घूम रहा था वक्त का पहिया जैसे कोई साथ मेरे👌👌✍️✍️👏👏बहुत खूबसूरत heart touching रचना

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एव॔ आभार वन्दना जी, आपको सादर नमस्कार

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