उनके और मेरे बीच जब बढ़ने लगी नजदिकियां
जो घड़ी भर दूर होता,जोर भरतीं सिसकियाँ !
एक दफ़ा नज़रे मिली, वो दिल पे आ टकरा गए
जब हुआ इज़हार,दोनों इक डगर पर आ गए!
इक दफ़ा की बात है जब थी गगन में चांदनी
लेकर गुलाब-ए-इश्क़ पहुंचा,थी सामने से चांदनी!
थी गगन में चांदनी, बेला मिलन की आ गई
लखि रूप प्रियतम का मेरे, थी चांदनी शर्मा गई!
हम मिले, दो तन मिले,दो दिल मिले, कईयों दफ़ा
रात जब हमने बिताई संग उनके इक दफ़ा!
हम तेरे आगोश में, जब धर के सर सो जायेंगे
प्यार जैसे लफ़्ज़ तबसे, ही अमर हो जायेंगे!
इक तेरी नाराज़गी, आँखे भिगोती है कदा
हमनवां, हमदम सुनो, तुमसे कभी होंगे जुदा!
हम तेरी बाहों में जां, दम तोड़ कर मर जायेंगे
प्यार जैसे लफ़्ज़ तबसे, ही अमर हो जायेंगे!
~अभिषेक शुक्ल'

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




