मौत तू एक कविता है
मुझसे एक कविता का वादा है
मिलेगी मुझको
डूबती नब्ज़ों में
जब दर्द को नींद आने लगे
ज़र्द सा चेहरा लिये
जब चांद उफ़क तक पहुँचे
दिन अभी पानी में हो,
रात किनारे के करीब
ना अंधेरा ना उजाला हो,
ना अभी रात ना दिन
जिस्म जब ख़त्म हो और,
रूह को जब सांस आए
मुझसे एक कविता का वादा है
मिलेगी मुझको
----गुलज़ार