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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

मेरी ख़ामोशी

मेरी ख़ामोशी को मेरी कमज़ोरी ना समझ,
जो बोलने लगी तो रोम - रोम काॅंपने लगेगा।

तू सोचती है कि मैं चुप हूॅं मतलब डर गई,
वजह है तुझ पागल में वक़्त बर्बाद न करना।

ख़ामोशी से समझ रही हूॅं तेरे पागलपन को,
बाक़ी मेरे हिस्से का जवाब तुझे ख़ुदा देगा ।

एक वजह यह भी है मेरे ख़ामोश रहने की,
कि जब अपनी बात असर ना करे चुप रहना।

ख़ामोशी का सही मतलब अभी मालूम नहीं तुझे,
जिस दिन मालूम होगा तेरा घमंड उतर जायेगा।

बस उस दिन के इंतज़ार में अपने होंठ सीए बैठी हूँ,
जिस दिन तेरे गुनाहों की सज़ा तुझे ख़ुद ख़ुदा देगा।

🖊️ रीना कुमारी प्रजापत 🖊️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

श्रेयसी said

इतना आक्रोश सेहत के लिए ठीक नहीं 😂😂

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji didu raani par ye sab jab hota hai humare sath mein to andar yhi tufaan uthata hi hai.... Bahut bahut shukriya apka 🙏

Supriya sahu said

इतनी नाराज़गी किससे है दीदी, थोड़ा ही नाराज़ रहिए, बहुत सुंदर रचना 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Hai koi kambakht...😊 shukriya

Shiv Charan Dass said

वाह रीना जी वाह ...... लेकिन मौन भी तो गहरा कोलाहल ही है

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji shi kaha apne...shukriya

वन्दना सूद said

श्रेयसी जी ने बिल्कुल सही कहा उस पर थोड़ा अमल कीजिए 🙏🙏चुप्पी भी एक सीमा तक ही अच्छी है नहीं तो महाभारत करवा सकती है इसलिए दूसरे की गलती की सजा ख़ुद नहीं दीजिए या भूल कर आगे बढ़ जाइए या लड़िए

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji shukriya 🙏

Ankush Gupta said

बहुत सुंदर रचना 👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

कमज़ोरी नहीं, खामोशी भी एक ताकत होती है, आपको जज़्बातों में वो आग साफ़ झलकती है - आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji khamoshi mein bahut badi taakat hoti hai...bahut bahut shukriya apka 🙏😊 pranaam

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