पल पल बदलता है रुत है जीवन,
पतझड़ भी सावन है जीवन,
गम के बादल और संघर्ष है जीवन,
आता जाता रुत है जीवन,
आता जाता रुत है जीवन,
फूलों से कभी बाग भारी है...
कभी बिन फूलों के कांटों सा जीवन,
कभी बचपन के हैं खेल खिलाउने...
कभी ज़िम्मेदारियों का बोझ है जीवन,
आता जाता रुत है जीवन,
आता जाता रुत है जीवन,
पल पल बदलता है रुत है जीवन,
पतझड़ भी सावन है जीवन,
ख़ुशियों की कभी मेले में भी हैं...
अब संघर्षों की पत्तवार है जीवन,
पाकर खोना और खोकर पाना...
हर पल एक आस है जीवन,
......हर पल एक आस है जीवन,
आता जाता रुत है जीवन,
आता जाता रुत है जीवन,
कवि राजू वर्मा ....
सर्वाधिकार अधीन है