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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आपसी रिशतों का अर्थ समझाती एक गीत - 'मतलब की इस दुनियां में' की इस दुनियां में

कापीराइट गीत

मतलब की, इस दुनियां में
जीना क्या और मरना क्या
करें, दगा, जब, अपने ही
कहना क्या और सुनना क्या

वो बात-बात में करें लड़ाई
वो बात सुने ना अपनों की
प्यार से बात करे ना कोई
बात करें किन, सपनों की
घर में मिले ना जब आदर
रहना क्या और करना क्या
मतलब की इस .............

सब अपनी-अपनी बात करें
जब मतलब सामने हो कोई
जब बात करें ये मतलब की
चाहे अपना सामने, हो कोई
जाने दो अब, क्या बात करें
हमें लेना क्या और देना क्या
मतलब की इस ...............

जहां, मिले मान, बुजुर्गों को
वो घर आबाद हुआ समझो
जिस घर में करें गैर फैसले
वो घर बर्बाद, हुआ समझो
चलते, रहना, ही, जीवन है
थमना क्या और रूकना क्या
मतलब की इस ................

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

वन्दना सूद said

Absolutely true 🙏🙏🙌🏻🙌🏻

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार वन्दना जी।

रीना कुमारी प्रजापत said

Maafi chahte hain tabiyat kuch thik nahi thi isliye apki rachna padh nahi paye ab thoda thik lag raha hai to ab aaye hai padhne. Bahut sundar likha apne matabi duniya ke baare mein👏👏👌👌 बहुत बढ़िया

Lekhram Yadav replied

शुक्रिया मेरी प्यारी बहना, तबीयत को क्या हुआ था कुछ बताएंगे या नहीं।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar Yadav Sir kabhi kabhi shabd kam pad jaate hain kisi kisi rachna k liye. Kintu aadar sahit pranam 🙏 ke sath bas yahi kahunga sir bahut achhe dhang se aapne matlabi duniya ki tasveer pesh ki hai.

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार सर।

अर्पिता पांडेय said

Sahi kaha h apne sir Ab sab matlabi h Kam ho to sahi h

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद अर्पिता जी

कमलकांत घिरी said

वाह सर जी क्या खूब लिखा..जहां, मिले मान, बुजुर्गों को वो घर आबाद हुआ समझो, बिल्कुल सच्ची बात👏👏🙏प्रणाम🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार कमलकांत जी।

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