बात चलाई जाए या न चलाई जाए।
मोहब्बत में दर्द से बस रुलाई आए।।
जिंदगी राह खोज लेती आसान नही।
उसकी सूरत को रोशनी दिखाई जाए।।
जिसने सच्ची मोहब्बत की 'उपदेश'।
उसको दीदार की दवा पिलाई जाए।।
रात गई बात गई कहने वाले बहुत है।
हकीकत खुलने से पहले दबाई जाए।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद