ज़िन्दगी को जिया जाता है
सज़ा नहीं कोई जो भुगतनी है
साँसें क़िस्मत से मिली हैं
हर पल को अपने निखारना है
खुश होना है
खुश होने की वजह नहीं ढूँढनी है
बहुत कुछ पाया है
जो खो दिया उसे भूल मिले हुए को सँभालना अच्छा है
प्रकृति से जुड़ना जरूरी है
पर जुड़ना ऐसे कि त्यागते हुए दर्द नहीं लेना है..
वन्दना सूद