स्रष्टा ने
पंचतत्व के,कौन से हिस्सों से
तुम्हारी उंगलियों का
सृजन किया है, कि,
छूते ही, और,
छिनी हथौड़ियो के
सृजनात्मक प्रहार से
निष्प्राण पत्थर
हंसने, मुस्कराने, रोने
और, गुस्साने लगते हैं
विधाता ने,
पंचतत्व से, कौन सा हिस्सा
समोया है,
तुम्हारी मस्तिष्क में, जिसकी
चमत्कार ने, जोड़ दी
धरती को
चांद और मंगल से
दिशाओं को दिशाओं से
समुद्र जल सतह को
गहराई से
ध्वनियों को प्रकाश से
एक दुनिया को
दूसरी दुनिया से
कौन सा हिस्सा, घोलकर
डाला है तुम्हारी आंखों में
जिसकी, दृष्टि पहुंच जाती है
सितारों के बीच रिक्त में
धरती के गर्भ में
छिपी रत्न भंडार में
न जाने,कौन सा हिस्सा
सजाया है,तुम्हारे हृदय में,जो
उद्यत हो जाती है,
रातों को दिन में बदलने के लिए
दूरियां दिशाओं की
कम करने के लिए
तुमने वो यंत्र बना दिए,जो
बेजान मानव शरीर में
सांसें फूंक दे
भावी तूफानों से, दुनिया को
आगाह कर दे
तुम्हारी सोंच,
मेहनत और सृजनकर्म ने
पूरी दुनिया बदल दी
धरती के
कुशल अभियंता, वैज्ञानिक
कामगार, कारीगर
प्रकृति के सृजन का
सौंदर्यवर्धन करने वाले
सबको,
नमन! नमन! नमन!
विश्वकर्मा जयंती की आप सभी हृदय से बधाई!!
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




