इंसान हो कर भी कभी झगड़ रहे हो
आपस में कभी फिर लड़ रहे हो
कभी किसी को मार रहे हो कभी खुद मर रहे हो
एक दूसरे पर बैर भाव ये क्यों कर रहे हो ?
हर दिन रात इंसानों के बीच द्वंद चल रहा
आज तो इंसान इंसान से ही जल रहा
इंसान की बुद्धि और दिमाग को क्या हो गई। ?
इंसानों में वह इंसानियत कहां खो गई ?
इंसान अपनी संस्कृति सभ्यता भुला है
इंसान इंसान के ही पैर काटने पर तुला है
इंसान से तो जानवर अच्छे हैं
वे भोले और भाले कितने सच्चे हैं
इंसानों की तरह न वे झगड़ते
आपस में न कभी लड़ते
न किसी को कभी बुरा भला कहते
अपने अपने स्थान पर मजे से रहते
हे इंसानों जरा उनको जा कर देखो
सभ्य और अनुशासन जानवर से सीखो
सभ्य और अनुशासन जानवर से सीखो.......
कमसे कम अब तो थोड़ा सुधर जाओ
अगर इंसान हो तो इंसान बन कर दिखाओ
अगर इंसान हो तो इंसान बन कर दिखाओ......
----नेत्र प्रसाद गौतम