जा रही मुझे छोड़कर,इरादे कुछ लेकर जा रही क्या ?
जा रही मुझे छोड़कर,दोस्ती मेरी भुला रही क्या ? तुझसे दूर रहकर हम जियेंगे कैसे,
तू मेरे दिल का आलम भुला रही क्या.......
जा रही मुझे छोड़कर,मिटाने मुझे जा रही क्या ?
जा रही मुझे छोड़कर, दफ़नाने मुझे जा रही क्या ?
कहती है तू कि अब तो फासला मीलों का हो गया, इतनी दूर तू मुझसे, जा रही क्या.....
जा रही मुझे छोड़कर,मेरे परों की परवाज़ ले जा रही क्या ?
जा रही मुझे छोड़कर,मुस्कान मेरी ले जा रही क्या ? कहती है तू कि अब हॅंसेगें हम कैसे,
हमारे हॅंसने की वजह, ले जा रही क्या........
जा रही मुझे छोड़कर,मेरी जान ले जा रही क्या ?
जा रही मुझे छोड़कर,भूलने मुझे जा रही क्या ?
चेहरे पर तेरे दिख रही अजब सी चमक,
संग अपने मेरी यादें ले जा रही क्या.......
जा रही मुझे छोड़कर,
मेरी जान ले जा रही क्या........✍
- रीना कुमारी प्रजापत