होली के रंग
रंग बिखेरने आ गई होली
हरा,लाल, गुलाबी और सतरंगी रंग लिए
सबकी झोलियाँ खुशियों से भरने आई है
होली के रंगों को केवल रंग नहीं समझना तुम..
तुम्हारे गमों को खुशियों के रंग लगाने आई है
रूठों को मनाकर फिर उन्हें अपना बना लें ऐसे रंग साथ लायी है
कुछ पल सबको भेदभाव भुला एकता का रंग चढ़ाने आयी है
होली के रंगों को केवल रंग नहीं समझना तुम..
अपनी खुशबू से तुम्हारे घर आँगन को महकाने आयी है
पानी में भिगो कर तुम्हें शरद की ठंड से अलविदा दिलाने आयी है
गुजिया,पकौड़े और ठण्डाई की मस्ती की यादें ताज़ा कराने आयी है
होली के रंगों को केवल रंग नहीं समझना तुम
जीवन के पुराने रंगों को उड़ा उन्हें नए रंगों से बदल सको,ऐसा मौका देने आई है
भावनाओं को प्रेम रंग से सजाने का सुनहरा अवसर लेकर आयी है
सबकी खामियाँ भूल,अपनी खामियाँ को सुधार जीवन को नयी राह के रंग में रंग लेना ऐसा कहने आयी है
होली के रंगों में केवल रंग नहीं ढूँढना तुम
जो जीवन को नयी दिशा ले जाए,ऐसे रंग समेटना तुम ..
वन्दना सूद