इश्क़ में तुमको समझायें क्या,
सोच अभी नादान बहोत हैं !!
राह है लम्बी..पता न मंज़िल,
इरादे अभी कच्चे बहोत हैं !!
इश्क़ नहीं कोई तोता-मैना,
जो बाज़ारों में हैं मिल जाते !!
चलते-चलते थक जाओगे,
क़दम अभी नाज़ुक बहोत हैं !!
प्यार नसीबों का खेल नहीं है,
बैठे-बैठे ही जो मिल जाये !!
खतरे ही खतरे हैं इसमें,
पार करो आसान बहोत है !!
कुछ ज़हमत तो उठानी होगी,
कुछ तूफान तो सहना होगा !!
इश्क़ है सागर की गहराई,
लहरें ऊँची-नीची बहोत हैं !!
लिपट के क़दमों पे मत रोना,
इससे अच्छा प्यार न करना !!
और भी हैं कुछ जिम्मेदारी,
मानो.. और भी काम बहोत हैं !!
- शायराना गीत वेदव्यास मिश्र की नई रिफिल😍वाली कलम से
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




