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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

इश्क़ में तुमको समझायें क्या - शायराना इश्क़ - वेदव्यास मिश्र

इश्क़ में तुमको समझायें क्या,
सोच अभी नादान बहोत हैं !!
राह है लम्बी..पता न मंज़िल,
इरादे अभी कच्चे बहोत हैं !!

इश्क़ नहीं कोई तोता-मैना,
जो बाज़ारों में हैं मिल जाते !!
चलते-चलते थक जाओगे,
क़दम अभी नाज़ुक बहोत हैं !!

प्यार नसीबों का खेल नहीं है,
बैठे-बैठे ही जो मिल जाये !!
खतरे ही खतरे हैं इसमें,
पार करो आसान बहोत है !!

कुछ ज़हमत तो उठानी होगी,
कुछ तूफान तो सहना होगा !!
इश्क़ है सागर की गहराई,
लहरें ऊँची-नीची बहोत हैं !!

लिपट के क़दमों पे मत रोना,
इससे अच्छा प्यार न करना !!
और भी हैं कुछ जिम्मेदारी,
मानो.. और भी काम बहोत हैं !!

- शायराना गीत वेदव्यास मिश्र की नई रिफिल😍वाली कलम से


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (10)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

आदरणीय आचार्य जी बहुत ही उत्तम प्रस्तुति - प्रेम की राह पर चलने वालों के लिए बिलकुल एक गाइड की तरह - सर्वप्रथम प्रणाम नमन वंदन - रचना बहुत लाज़वाब है किन्तु एक प्रश्न चिन्ह है - "शायराना गीत वेदव्यास मिश्र की कलम से" अबकी बार कोनसी कलम थी, 'टूटी कलम', 'प्यार भरी कलम', 'श्रृंगार वाली कलम' आपने कलम का नाम संज्ञान में नहीं दिया - जबसे आपने कलम का नाम डालना शुरू किया है आदत सी होगयी है कि अबकी बार किस कलम से आएगा बताइयेगा अवश्य

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र जी, हज़ार कमेन्ट के बराबर आपकी एक ही कमेन्ट है 😍😍 धांसू..दमदार और वजनदार !! स्नेहाशीष शुभाशीष मेरे हृदयप्रिय बन्धु..उ का है..मेरे टेबल के पेन स्टैंड में ये सारे कलम पड़े हुए थे..अचानक विचार आया और फटाफट लिखना ही शुरू कर दिया !! नई रिफिल है..बिना नामकरण के ही लिखना शुरू कर दिया !! फिर क्या था..बन गई रचना ..हाँ, इस बात जरूर सोच में आप लाए कि ..इ नई वाली😍 का नाम का रखें..जज्बात में बहकर हम लिखना ही भूल गये !! एडिट करते बनेगा न तो..नई रिफिल😍वाली कलम से कर दीजियेगा..बहुतई मेहरबानी होगी !! एगो एक्स्ट्रा होगा तो भेज दीजियेगा..हमारे बहुत काम आता है..उ का है भइया जी..शायरी में नवा परान आ जाता है..जान आ जाता है..इसलिए हम नवा-नवा रिफिल का बहुतई सम्मान करते हैं !! 😍😁😁😍

Shakshi said

लिपट के क़दमों पे मत रोना, इससे अच्छा प्यार न करना !! और भी हैं कुछ जिम्मेदारी, मानो.. और भी काम बहोत हैं !! Bahut sundar rachna...mishra ji. Naman ha aapko 🙏

Shyam Kumar said

Aapki kalam har bar kmaal krti hai. Bahut hi man bhavan rachna. 😊😊

डॉ कृतिका सिंह said

Sundar prastuti, Uttam rachna

वेदव्यास मिश्र said

Shakshi जी, नमन है मैम आपको भी इस पोस्ट में आने के लिए और प्यारी सी प्रतिक्रिया देने के लिए !! आभार सहृदय 🙏😍😍🙏

वेदव्यास मिश्र said

Shyam Kumar जी, कमाल क्यों न हो भाई साहब 😍😍 जब,जब बेलन पड़ा है सर को..ऐसी ही रचनाओं की उत्पत्ति हुई है !! अब तो ग़म में भी मुस्कुराने की आदत सी हो गई है..जबसे हमारी शादी हो गई है 😁😁 बहुत-बहुत बार सम्मान आपका..नमन है आपको भीगी😍 हुई कलम से 💖💖

वेदव्यास मिश्र said

डॉ कृतिका सिंह जी, नमन सादर दिल से आभार मैम 🙏😍😍🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

राह हैं लंबी... पता ना मंजिल, इरादे अभी कच्चे बहुत है... बिल्कुल सही कहा आपने, बहुत बढ़िया

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, आभार सहृदय नमन 🙏🙏

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