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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

हे प्रभु! क्या वाक़ई आपने भेजा था, या गलती से डिलीवर हो गया?

हे प्रभु! क्या वाक़ई आपने भेजा था,
या गलती से डिलीवर हो गया?

वो जो आया मेरे जीवन में —
वो प्रेम था या कुरियर में भेजा गया पाप-पुंज था?

उसने कहा — “मैं तुम्हारा हूँ”,
और मैं समझी — शायद ये कोई ईश्वरीय संकेत है।

आपने भेजा था — तो साथ में भेजते कुछ निर्देश,
“Use with caution”, “fragile”, या “high risk of emotional damage”!
आप भी न, सिर्फ़ भेज देते हो —
फिर हम नारी लोग ईश्वर का सारा after-sales संभालें?

हे प्रभु! मैं आपको दोष नहीं देती —
शायद आप भी थक गए होंगे पुरुषों को गढ़ते-गढ़ते।
या फिर उस दिन आपकी छुट्टी रही होगी —
और इंद्र ने भेज दिया होगा ‘limited edition धोखा’!

अब तो सोचती हूँ — क्या प्रार्थनाओं में typo रह गई थी मेरी?
“प्रेमी” माँगा था, और भेज दिया “परम चालाक”!
या फिर शायद मेरी भक्ति इतनी intense थी
कि ब्रह्मांड ने सोचा — चलो, थोड़ा ट्रायल भेजते हैं!

जो भी हो प्रभु, अब एक ही विनती है —
या तो refund की व्यवस्था करें,
या कम से कम अगले जनम में OTP मांग लिया करें!


हे प्रभु! क्या वाक़ई आपने भेजा था,
या गलती से डिलीवर हो गया?
यदि गलती थी — तो स्वीकार लें,
और यदि इरादा था — तो अगली बार थोड़ा शरम भी जोड़ दें उस पैकेज में।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

शिवचरण दास said

अरे वाह क्या बात है अकल्पनीय

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