ये है विस्वास यहां हर जनता सफल हाेगी
तभी सुन्दर हमारी आने वाली कल हाेगी
आपत्ती कभी न हाे किसी नेक काम पर
झगडा भी न हाे कभी धर्म और मजहव के नाम पर
आपस में हमारा कभी न मन-मुटाव हाे
ऐसा हम सब का अच्छा स्वभाव हाे
कभी ताे सुनहरी हम सब की ये पल हाेगी
तभी सुन्दर हमारी आने वाली कल हाेगी
हम अगर आपस-आपस में फुटेंगे
काेई आ कर यहां हम काे ही लुटेंगे
हमने अपना संयम नहीं खाेना है
हम सब एक हैं एक ही हम हाेना है
जब अनेकता में एकता, एकता में ही बल हाेगी
तभी सुन्दर हमारी आने वाली कल हाेगी
किसी के साथ ठगी किसी के साथ अत्यचार
कभी न हाे ऐसा किसी के प्रति दुर्ब्यभार
हमने ये कु-कृत्य मिटाना है
इसे मिटा कर देश आगे बढाना है
अब हम मिलेंगे आपस में...न कपट छल हाेगी
तभी सुन्दर हमारी आने वाली कल हाेगी
हम में से काेई युवा बेराेजगार हाे रहा
काेई गरीब यहां भूख-भूखे ही साे रहा
हमारे यहां ये कैसा हाल है
ये ताे देश के लिए बहुत विकराल है
जब ये सारी समस्या हल हाेगी
तभी सुन्दर हमारी आने वाली कल हाेगी
तभी सुन्दर हमारी आने वाली कल हाेगी......
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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