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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

🌼नूर अब रहा नहीं🌼

मुझमें अब वो पहले सा दम रहा नहीं,
मेरी आवाज़ में भी अब वो जोश रहा नहीं।
अब रहा नहीं वो हॅंसमुख मिज़ाज मेरा,
अब पहले सा नूर भी चेहरे में रहा नहीं।

झाइयां पढ़ने लगी है अब चेहरे पर,
जवानी में ही बुढ़ापे की तस्वीर दिखी।
उनके होने तक एक अजीब सा तेज था मुझमें,
आज देखा आईने में ख़ुद को तो माथे पर
लकीरें दिखी।

अब थक गई हूॅं ख़ामोशी सी छाई है,
कलम भी अब मेरी बेज़ुबान हुई है।
बेज़ुबान हुआ है मेरा हर लम्हा अब,
अब बोलती हुई ज़ुबान भी अवाक हुई है।

🌼 रीना कुमारी प्रजापत 🌼


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

वन्दना सूद said

वाह बहुत खूब 👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏🤗

जयश्री विलास जोधंळे said

एक दर्द और खामोशी का ऐहसास हो रहा है मगर कलम बेजुबान मत होने देना

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji nahi hone denge jay shree ji... शुक्रिया

Vanshika Jethani said

Very emotional 🥺

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏🤗

Lekhram Yadav said

दर्द दिल का ऐसे छलकाया तो खुद को तरोताजा कैसे पाओगी बहुत सुन्दर रचना, आपको सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका 🙏 सादर प्रणाम आपको

सरिता पाठक said

तुम to वो प्रकाश पुंज हो रीना जिसकी जिसकी रौशनी कभी कम नहीं हो सकती तुम और तुम्हारी लेखनी का प्रकाश सदैव बना रहे है यही ईश्वर से प्रार्थना है हमारी अति सुन्दर, ह्रदय स्पर्शी रचना 🌹🌹❤️❤️

रीना कुमारी प्रजापत replied

आपकी प्रार्थनाएं कुबूल हो जाए ... आप सभी मुझे इतना मान सम्मान और दुआएं देते है ये मेरा सौभाग्य.. शुक्रिया आपका 🙏

पवन कुमार "क्षितिज" said

ये बस एक कवि का ख्याल मात्र ही हो..असलियत नहीं..

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी धन्यवाद आपका 🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! बहुत ख़ूब! बेहतरीन रचना, रीना जी! आदाब! 👌👌👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

आदाब शुक्रिया

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

रीना जी सादर प्रणाम 🙏 अपनी थकान और खामोशी को हमारी चाहत और उम्मीद से सींचकर तरोताजा हो जाइए और महफ़िल को खुशनुमा बनाते रहिए।👌👌👌🌹🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏 ji bas aap jaise apno ki wajah se hi ubharne ki koshish kr rhe hai

शुक्रिया आपका

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