ये सोचकर कि तू कभी तो बदलेगी,
मैं माफ़ करती आई हूॅं तुझे।
पर तू आज भी वैसी ही है जैसी पहले थी,
तू मग़रूर पहले भी थी और मग़रूर अब भी है।
ये सोचकर कि तू कभी तो प्यार देगी मुझे,
मै प्यार देती आई हूॅं तुझे।
पर तू आज भी वैसी ही है जैसी पहले थी,
तुझे मुझसे नफ़रत पहले भी थी और नफ़रत
अब भी है।
ये सोचकर कि तू सुधर जायेगी,
मैंने तेरी हर गुस्ताख़ी पर माफ़ किया है तुझे।
पर तू आज भी वैसी ही है जैसी पहले थी,
तू दर्द मुझे पहले भी देती थी और दर्द अब भी
देती है।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️