गंगा कस गांव मोर
जमुना के धार
बारो महिना हे बहार
ब इला के घन-घन-घन-घन घंटी
सुन के मन झूम जाए
पिंवरा पिंवरा सरसों फूलय
महके अऊ महकाए
पीपर के छंइहा के महिमा अपार
बारो महिना हे बहार
सन सन सन सन गीत सुनाए
पवन चलय पुरवाई
गुरतुर -गुरतुर चिराई के बोली
ज इसे दूध मलाई
परबत ले निकलय कल-कल
नदिया के धार
बारो महिना हे बहार
पूरब के लाली ज इसन हे
ओढ़नी मोरे गांव के
झांझ मंजीरा झनके ज इसन
पैरी मोरे गांव के
नवा दुल्हनिया ज इसन
सोला सिंगार
बारो महिना हे बहार...…........
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




