फुर्सत के पल ढूंढता हूं कभी तुझ संग लम्हा बिताने को,
याद भी कर लिया कर मुझे ...
कभी भूल के इस जमाने को,
पल पल हर पल तू मेरी सांसों में समाई इस कदर,
सोच भी नहीं सकता एक पल...
तुम बिन जिंदगी बिताने को,
कर ले ऐतबार अब फुरसत से गले लगा ले मुझे,
क्या अब भी कुछ रह गया है इश्क़ में आजमने को,
सर्वाधिकार अधीन है