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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

बाजार से गुजरे हम

कापीराइट गजल

बाजार से गुजरे हम

दर्द के दिलकश बाजार से गुजरे हम
यूं इश्क के नए कारबार से गुजरे हम

उठ, रही थी हर नजर, हमारी ही तरफ
निगाहों के एक नए करार से गुजरे हम

बुझी-बुझी सी लग रही थी वो हंसीं आंखें
यूं हुस्न के गजब बाजार से गुजरे हम

वो, बेबस सी निगाहें, कुछ बेहाल सी थी
उन्हीं, निगाहों के मनुहार से, गुजरे हम

था, कुछ पाने और कुछ, खोने का गम
यूं किसी के अधूरे से प्यार से गुजरे हम

दिख रही थी उन आंखों में लाचारी हमें
उन की, आशा के खुमार से, गुजरे हम

यह, सौदागर इश्क के, बैठे हैं हर गली में
उनकी आंखों के हर वार से गुजरे हम

जिस्म बेचने से ही है अब मतलब उनको
यूं किसी बेवफा के प्यार से गुजरे हम

जहां टूटता है यूं किसी का, भरोसा यादव
एक, ऐसे अनोखे बाजार, से गुजरे हम

लेखराम यादव
(मौलिक रचना)


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह... लाजवाब रचना में सैर करके मजा आ गया

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सर, आपको सादर नमस्कार।

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! उम्दा रचना! बहुत ख़ूब! 👌👌👏👏

Lekhram Yadav replied

आदाब अरज हुजूर, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सहित सादर नमस्कार।

Shiv Charan Dass said

वाह वाह. ..तेरी ही गज़ले जहान से गुज़रे हम

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक शुक्रिया सर जी, आपको सादर नमस्कार।

वन्दना सूद said

वाह sir , बेहद लाजवाब रचना 👏👏🙌🏻🙌🏻

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद वन्दना जी, आपको सादर नमस्कार

सुभाष कुमार यादव said

क्या कमाल लिखा आपने यादव सर। बेहतरीन।👌🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सुभाष जी, आप को सादर नमस्कार।

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