निस्चल मन से यदि कर्म करो,
सच है तब उन्नति होनी ही है,
कुछ देर लगे लग जाने दो,
मन शांत रखो और कर्म करो,
सब जन एक समान हैं ऐसा,
मन में सच्चा भाव रखो और,
ऐसा ही व्यवहार करो,
बदले की भावना न मन में आये,
ऐसा कुछ तुम यत्न करो,
पल पल तत्पर प्रयत्न करो,
मन शांत रखो और कर्म करो।
----अशोक कुमार पचौरी