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कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

इक बार गले मिल जाते तो - प्रेम गीत - वेदव्यास मिश्र

इक बार गले मिल जाते तो,
तेरा क्या चला जाता !!
जीवन के आपाधापी से,
कुछ चैन तो मिल जाता !!

इक बार जहाँ में आये हैं,
इक बार जहाँ से जायेंगे !!
इक तुम भी हो मेरी जानेमन,
इक मैं भी हूँ तेरा ओ साजन !!
तेरे-मेरे मिलने से सनम,
क्या आग लग जाता !!

इक सूरज है इक चाँद भी है,
इक धरती है आकाश भी है !!
इक दिल है और इक धड़कन भी,
इक राह भी है और मंज़िल भी !!
बदनाम भी हो जाते थोड़ी,
तो आखिर क्या जाता !!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Ankush Gupta said

Waah...sbdo ka kya mel jol ha. Bahut ache.

वेदव्यास मिश्र said

Ankush Gupta जी, आप तो समझ सकते ही हैं मित्र गुप्ता जी !! यही तो आनंद है साहित्य का और हम रचनाकारों की जिममेदारी भी !! अगर हमारे रचना से किसी प्यासे प्रेमी को थोड़ी सी भी राहत मिल जाये तो हमारा साहित्य सरोवर बड़े काम का है !! ये साहित्य सरोवर..ये काव्यशाला ऐसे ही गुलज़ार रहे..किसी का क्या चला जायेगा !! ये भी तो एक पुन्ड्य ही कहलायेगा 😍😍

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said



आचार्य जी को प्रणाम!! बहुत सुन्दर गीत, मेने गाने की कोशिश की फटे हुए बांस की आवाज में आपके सामने प्रस्तुत है चरणों में अर्पित है!!

प्रभाकर said

Very nice

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, मालामाल कर दिया..निहाल कर दिया भाई आपने..जैसा मैंने लिखा था को दिमाग में रखकर..हुबहू वैसा ही !! उसी खुशी..उसी मस्ती के साथ..क्या चला जाता 😍😍 आप यकीन नहीं करेंगे..सःभवत: आप उधर गा रहे होंगे..और इधर बिलकुल इसी धुन में अपनी पत्नी जी को मैं सुना रहा था..और वो लास्ट में बोल रही थीं ..आप बोलते हैं क्या चला जाता..मैं सोचती हूँ..उसके पास बचता क्या..खैर छेडछाड़ के लिए शानदार गीत है ये 😍😍 शानदार भाई..मजा आ गया सच्ची-मुच्ची 👌👌

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी एक बात और..आपकी आवाज़ सचमुच बहुत अच्छी है..भावपूर्ण है..अंदाज़ हार्ट टचिंग है !! शुभाशीष नमन प्रिय अनुज श्री 💜💜

वेदव्यास मिश्र said

प्रभाकर जी, आभार भाई हृदयवंदन 🙏🙏

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