कभी उसके मन में भी ख्याल आता होगा
जब भेड़ों को गाड़ी के आगे से हटाता होगा
वो अपने भाग्य पर मुस्कुराता होगा
जब यही काम बार बार दोहराता होगा
कभी उसकी भी पदचाप होगी ख़त्म
यही मन में ख्याल लाता होगा
कभी उसके मन में भी ख्याल आता होगा
जब भेड़ों को गाड़ी के आगे से हटाता होगा
जब गाड़ी होती होगी ओझल
उसके मन में भी उमड़ता होगा आशाओ का बादल
घर जाकर सबको ये बताता होगा
सब उसका मजाक ही बनाता होगा
कभी उसके मन में भी ख्याल आता होगा
जब भेड़ों को गाड़ी के आगे से हटाता होगा
ये देख कर दबा लेता होगा अपनी आशा
फिर कभी नहीं फेकता होगा ये पासा
कभी उसके मन में भी ख्याल आता होगा
जब भेड़ों को गाड़ी के आगे से हटाता होगा
✍️-वि.पाल


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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