आख़री लम्हा है क्या करूं,
जिसको याद किया था उसका क्या करूं,
वह तो भूल गए हमारा नाम भी है,
अब जाने के बाद उसे नाम का क्या करूं,
कैसे लिखूं उसे,
नाम तो है,
पर इस इंसान का क्या करूं,
कोई छोड़ दे मुझे उस जिंदगी से,
जिंदगी औरों के जहन में है,
यह सवाल है,
इस जवाब का क्या करूं,
प्यार आता है किसी के पास,
पास में दिल है उसका क्या करूं,
सांसे मुस्कुरा रही है,
आंखों में आंसू ही रो रहे हैं,
जुबां चुप है इसका क्या करूं,
पास खड़े हैं दो कदम चल नहीं जाता,
जिंदगी दौड़ रही है इसका क्या करूं।।
- ललित दाधीच।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




