क़यामत तलक तुम मेरा इंतज़ार मत करना
कह तो दिया था ख़ुद को बे-क़रार मत करना
अपनी हस्ती मिटा कर मैंने हीं संवारा था तुम्हें
यही सच है भले हीं तुम एतबार मत करना
तुमने हीं मिलाया था ख़ाक में वज़ूद मेरा
फिर दे कर अंगूठी सगाई की कहा इंकार मत करना
ज़ख़्मी दिल से अब तो यही आवाज़ आती है
किसी जनम में "श्रेयसी" कभी प्यार मत करना

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




