अनिष्ट की राह पर जीवनशैली
समय का प्रवाह है या धन की लालसा,
खेल है कोई या अनिष्ट की परिकाष्ठा।
वाणी में मधुरता नहीं,
शब्दों में सभ्यता नहीं,
संस्कारों में दृढ़ता नहीं,
विचारों में शुद्धता नहीं,
कर्म कोई शुभ नहीं,
जीवनशैली मलिन है तो दोष ग्रह नक्षत्र को देना सही नहीं।
ज्योतिष भी अब धनोपार्जन में लगे,
सही मार्ग दिखाने से कतराने और भटकाने लगे।
कोई क्यों नहीं कहता?
बड़ों का सम्मान करो,
वृद्ध जनों की सेवा करो,
बच्चों को संस्कार दो,
सहचरों को मान दो,
अपने कर्तव्यों का पालन स्वयम् करो।
ग्रह नक्षत्र भी सहभागी बन जाएँगे,
यदि जीवनशैली सुधार जाएगी।
संस्कारों की रोशनी में
हर राह खुद-बखुद सँवर जाएँगी।
पर कैसे समझाएँ ख़ुद को?
आग की तपश से ही उसकी गर्मी का एहसास कर लें तो अच्छा होगा।
यदि छूकर एहसास करने का प्रयास किया तो यकीनन जलना तय होगा॥
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




