कविता : मेरी ख्वाइश....
मुझे बहुत
सताने वाली
मुझे छोड़ कर
जाने वाली
नदी की तरह
बहने वाली
किसी गैरों के संग
रहने वाली
मेरा दिल
जलाने वाली
मुझे बहुत
रुलाने वाली
एक बार मेरे
पास में आ कर
मुझ को प्यार से
थोड़ा समझा कर
मेरी ख्वाइश
पूरी कर जरा
अपने बाहों में
मुझे भर जरा
ताकि सभी इच्छा
पूरी कर सकूं
मैं तुम को देख
कर ही मर सकूं
मैं तुम को देख
कर ही मर सकूं.......
netra prasad gautam