यशोदा की गोद में, सोता मासूम सा।
माखन चोरी करता, बनता शरारती सा।
माँ की डांट सुनकर, मुस्कुराता है।
गोद में बैठकर, दूध पीता है।
गोपियों के साथ, खेलता है।
राधा के प्यार में, बहक जाता है।
मोर मुकुट पहनकर, नाचता है।
बांसुरी बजाकर, मन मोह लेता है।
कंस का वध किया, धर्म की रक्षा की।
मथुरा को मुक्त किया, दुश्मनों से लड़ी।
बाल रूप में ही, महान कार्य किया।
सभी का दिल जीता, आदर्श बनाया।