एक सितारा मेरा भी था
समंदर से गहरा किसी का इरादा नहीं था,
लगाए कोई डुबकी, ऐसा दिल हमारा नहीं था।
चुभने लगे लोगों की आंखों में हम,
तुम्हें छोड़ जाने का इरादा नहीं था।
क़यामत की रात सजी थी उस दिन,
दिल पर चोट लगाया बहुत गहरा था।
चमकता था ध्रुव तारा की तरह हमारा भी प्यार,
इस रोशन जहां में, एक सितारा हमारा भी था।
कसमें देकर चला गया वो छोड़ "सुप्रिया" को,
हमसे से ज्यादा किसी ने उन्हें क्या चाहा था ?
- सुप्रिया साहू