चार पांच दिन से बारिश भी खूब आया
इस बारिश में करीब दो सौ घर परिवार डूब गया
ऐसे में किसी संघ संस्था ने मानवता दिखाई
आदमी औरत बच्चों को जैसे तैसे
सुरक्षित स्थान पर पहुंचाई
मगर उनका सर - सामान भैंस चौपाल
सभी डूब कर गड़ गए
कपड़े बिस्तर खाना - बाना सब कुछ
इसी दुबान में चढ़ गए
बच्चे बूढ़े आदमी औरत सुबक सुबक रो रहे
वहां पर वे सभी बहुत दुःखी हो रहे
ऐसे में वहां मीडिया वाले आ गए
वहां की खबर बनाने में वे सभी छा गए
इस दुख की घड़ी में न सोचता न समझता है
एक मीडिया कर्मी एक पीड़ित आदमी से पूछता है
आप बहुत ही दुखी हो रहे हो
आप का घर डूब गया इसी लिए रो रहे हो
जनाब थोड़ा क्यामरा के पास में आइए
रोते हुए आप को कैसा लग रहा जरा बताइए ?
मीडिया कर्मी को उनके घाव में मरहम थोड़ी लगाना है
उन्हें तो बास खबर बना कर टी. वी. पर दिखाना है
थोड़ी देर में फिर परदेश का मुख्य मंत्री खबर पाता है
वह उस स्थान के आसमान पर हेलीकाप्टर से आता है
नीचे जल मग्न डुबान प्राकृति जानता को सजा दे रहा
मुख्य मंत्री हेलीकाप्टर से ये देख मजा ले रहा
आधे घण्टे तक मुख्य मंत्री तो आसमान से ही देख रहा
फिर वह कुछ बिस्कुट और तीन बोरी चामल नीचे फेंक रहा
दो सौ जनता तीन बोरी चामल कितने दिन खाएगी ?
वह खतम होगी तो फिर कहां जाएगी ?
वह खतम होगी तो फिर कहां जाएगी .......?
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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