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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

शादी कब कर रही हो ?

हर किसी ज़ुबां पर यही सवाल होता है,
कि शादी कब कर रही हो?
पता नहीं इस शादी में रखा क्या है ?
जिसे देखो वो बस यही पूछता है।

कल ही हमारी कुछ दोस्तों से फोन पर बात हुई,
एक दोस्त कहती है
शादी हो गई है अब हम सभी की
एक बस अब तू ही बची है
तू भी कर ले शादी।
मैं कुछ ना बोली चुप हो ली
फिर वो बोली जब भी शादी की कहते हैं
तू चुप क्यों हो जाती है ?
मैं मुस्काई, फिर बोली
जो कर ली शादी तो हो जाएगी बर्बादी।

पर ना मानी वो अड़ गई इसी बात पर
बता ना क्या ख़याल है ?
मैं बोली शादी से हाल बेहाल है।
पर वो कहां मानने वाली थी,
फिर मैंने ही एक तरकीब लगाई
और कहा चल ना फिर कभी बात करते हैं
अभी यहां का मौसम बड़ा खराब है
बिजली कड़क रही है बादल गरज रहे हैं
और घनघोर घटा है छाई।

फिलहाल उससे छुटकारा मिल गया,
पर गुस्सा मुझे बहुत आया।
क्योंकि एक ही सवाल का
जवाब बार -बार देना मुझे पसंद नहीं,
और वो है कि मानते ही नहीं।

कहीं इन बार -बार के सवालों जवाबों से
ये मुझसे रुसवा ना हो जाए,
इसीलिए इनसे और इस जहां से
कटे - कटे से रहते हैं हम।
ये जानते नहीं हमारी फितरत को,
और बार -बार एक ही सवाल कर मजबूर
करते हैं मुझे कयामत ले आने को।

💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Lekhram Yadav said

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना, एक अविवाहित लड़की की भावनाओं और उद्वेगों की शानदार अभिव्यक्ति इस रचना में पेश की है, आपको सादर प्रणाम।

रीना कुमारी प्रजापत replied

प्रणाम🙏 शुक्रिया, पर हम जानना चाहते हैं कि आप उस लड़की के साथ है या समाज के साथ है कृपया बताइएगा ज़रूर

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar tareeke se samaj ke tucch se sawal ka jabab dene ki koshish ki hai aapne, bahut khoob, logon ke najariye par aapne jo prakash daala hai kabile tareef hai

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया आपका, आपके इस comment से मैं समझ गई कि आप उस लड़की के साथ है ना कि इस समाज के, 🙏🙏

श्रेयसी said

Bilkul sahi kaha aapne,sach me aisa hin hota . Bahut sunder rachna 👌👌🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ha ji sach mein aisa hi hota hai

वन्दना सूद said

बिल्कुल सही दुख व्यक्त किया आपने अपनी रचना में 😊दूसरों की ख़ुशी नहीं देखी जाती

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी बिल्कुल खुशी देखी ही नहीं जा रही लोगों से🙏🙏

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