उसके जानिब में, मैं और कुछ कह नहीं सकता,
उसके जितनी चाहत मुझसे कोई रख नहीं सकता।
वो दिल से दिल को चाहता पर जताता नहीं है,
पर उस दिल का हाल ये दिल बखूबी समझता।
अक्सर बेज़ुबान ही होता है वो दिलकश प्यार,
जो दूर रहकर पास और पास रहकर हद में रहता।
कुछ दिनों पहले हुई,मुलाक़ात उस दिल - नशीं से,
वो अजनबी है,अपना नहीं, फिर भी अपना लगता।
✍️✍️ रीना कुमारी प्रजापत
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




