मुझसे उसका प्रेम कुछ अलग सा था।
चाँद से तुलना करना कम पसन्द था।।
बेबाक उसे चाहा तारो की महफिल में।
ठंडे हाथो से कमर को छूना पसन्द था।।
सर्द रातों में इन बाहों की गर्माहट लेना।
और बाँधे हुए बाल फैलाना पसन्द था।।
खुशबू से एलर्जी उसकी और बढ़ गई।
मगर जिस्म को सूँघना बेहद पसन्द था।।
बार-बार उँगलियों से कमर को दबाना।
और बड़ी आँखें करने डराना पसन्द था।।
बिस्तर पर आने से पहले काम निपटाती।
निश्चिंत होकर 'उपदेश' छेड़ना पसन्द था।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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