कविता : एक सवाल....
एक सवाल मेरा
है सभी से ये
इंसान की जिंदगी
है आखिर के ?
दुख
भूख
बुखार
बीमार
दर्द
सर्द
प्यास
निराश
संघर्ष
डिवर्स
दुखाई
भोगाइ
तोड़ना
छोड़ना
रोना, हंसना
फसाना फसना
लेना
देना
ये सब कुछ करना
जी कर फिर मरना
आखिर सब कुछ यही है
जिंदगी और कुछ नहीं है
जिंदगी और कुछ नहीं
netra prasad gautam