बर्फ - डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
सफ़ेद चादर बिछी धरती पर,
सर्दी का जादू छाया चारों ओर।
बर्फ के टुकड़े नाच रहे हैं,
हवाओं के साथ गा रहे हैं।
पेड़ों पर बर्फ की चादर,
दिखते हैं जैसे सफ़ेद फूल।
नदियाँ जम गई हैं,
शांत सा लग रहा है सब कुछ।
बच्चों की खुशी का,
कोई ठिकाना नहीं।
बर्फ में खेल रहे हैं,
मस्ती में डूबे।
बर्फ के गोले बना रहे हैं,
एक दूसरे पर फेंक रहे हैं।