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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

चलता रहेगा कब तक

कापीराइट गजल

चलता रहेगा कब तक ये दस्तूर जिन्दगी का

कब तक निभाएंगे हम ये दस्तूर जिन्दगी का

जब तक ये जिन्दगी उलझी है उलझनों में
तब तक निभाएंगे हम ये दस्तूर जिन्दगी का

सदियों से चला आया है ये दस्तूर जिन्दगी का
अब भी निभाएंगे हम ये दस्तूर जिन्दगी का

जब तक न आ जाए इस दुनियां में क़यामत

तब तक निभाएंगे हम ये दस्तूर जिन्दगी का

सब उलझनें ही अपनी हैं दस्तूर की कहानी

जब तक है सांसों में ये सुरूर जिन्दगी का

जो कुछ भी हो रहा है ये हमको खबर नहीं
इसमें है क्या बताओ अब क़ुसूर जिन्दगी का

हर शय है जहां की उस के हाथ में यादव
किस बात पे है तुम को ये गरूर जिन्दगी का

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah yadav Sir umda bahut khoob "हर शय है जहां की उस के हाथ में यादव किस बात पे है तुम को ये गरूर जिन्दगी का" Suprabhat pranam sweekar karein🙏🙏

Lekhram Yadav replied

Very good morning dear sir, your greetings are like oxygen to me thanks once again.

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत खुब, बहुत बढ़िया.... सुप्रभात 🙏 अपनी छोटी बहन का प्रणाम स्वीकार करें

Lekhram Yadav replied

मेरी प्यारी बहना आपका हार्दिक स्वागत एवं आभार है आपका प्रणाम सिर आंखों पर।

Bhushan Saahu said

Bahut khoob.

Lekhram Yadav replied

पुनः धन्यवाद सहित शुक्रिया साहू जी।

रमेश चंद्र said

Bahut achhii rachana h

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार रमेश चन्द्र जी। आपका स्वागत है।

Komal Raju said

Sahi bat h...jo bhi ha sb usi ke hath m ha.fir kya kahe ki kisne kya kiya.

Lekhram Yadav replied

आपने सही कहा मेरे दोस्त जो कुछ होता है ईश्वर की मर्जी से ही होता है। मैं आपका आभार प्रकट करता हूं।धन्यवाद।

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