गीता कुरान ,
बाइब्ल गुरुग्रंथ ,
कल्याण भव !
मुट्ठी में जहां ,
टिमटिमाते तारे ,
कल्पनालोक !
अतृप्त इंशा ,
भूली भटकी आत्मा,
एक समान !
पत्थर पूजूं ,
समुद्र आसमां भी ,
सौभाग्य मिले !
छिछोरापन ,
घटिया किरदार ,
सौम्य लिबास !
अवांछनीय ,
वैश्विक घटनाएं ,
कोर्ट से बरी !
ये तन्हाईयां ,
नैसर्गिक सौगात ,
शांति मन की !
धन बल की ,
सत्तालुलोपितता ,
डूबती नैय्या !
बेरोजगारी ,
भारत बोट बैंक,
सौभाग्यशाली !
गुरुदक्षिणा ,
गुरु शिष्य संस्कार ,
रहें जीवंत !
बढ़े चलो रे ,
तिरंगा हाथ लिए,
जय भारत !
दीप स्नेह के ,
जीवंत_ए_ईमान ,
ऐ हिंदोस्तान !
----राजेश कुमार कौशल