छीन लो क़िस्मत को,
क़िस्मत से ही !!
याद रखना...
यहाँ मुफ्त में कुछ भी
नहीं मिलता !!
न तो बिस्तर मिलती है,
यहाँ मुफ्त में..
न ही मुफ्त में नींद ,
ही मिलता !!
छीन लो हर खुशी,
मेहनत के डगर से..
गुजर कर दोस्तों !!
याद रखना..
यहाँ मुफ्त में,
जाम तो मिल सकता है..
मगर मुफ्त में,
कोई दोस्त नहीं मिलता !!
न माँगो भीख में,
कुछ भी यहाँ खुदगर्ज
लोगों से..
हमने देखा है मुफ्त में,
मिल सकती है ज़िन्दगी !!
मगर इसी दुनिया में,
मरने के बाद,
मुफ्त का सामान,
नहीं मिलता !!
कदर करना अपने,
आँसुओं की..
जज्बात में न बहा देना,
यूँ ही आवारा गलियों में !!
याद रखना..
यहाँ मुफ्त में आशिक़ी,
भी नहीं मिलती !!
और न ही सागर का
किनारा ही मिलता !!
हिम्मत, हौसला और
धीरज ही क़िस्मत की
असली संतान हैं !!
और अपनी सही
पहचान भी !!
याद रखना...
ओस को चाट लेने से..
प्यास कभी बुझ ही
नहीं सकता !!
- वेदव्यास मिश्र की मोटिवेशनल कलम से
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




