तुझे चाहा तो पता चला चाहत क्या होती है,
तुम मेरे गले लगी तब पता चला सुकून, राहत क्या होती है,
तुम ने मुझे सीखा दी, मुहब्बत, आशिकी क्या होती है,
तुम जब बेवफा हो गई तब पता बेवफाई क्या होती है,
तुम जब बिछड़ गई तब पता चला, इंतज़ार, गम, दर्द क्या होता है,
----धर्म नाथ चौबे 'मधुकर'