जीवन है अनमोल
डॉ0 एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
जीवन है अनमोल, क्षण भंगुर मोती जैसा,
कब टूट जाए डोर, नहीं इसका कोई लेखा।
हर सांस है खजाना, हर पल है सुनहरा अवसर,
मत व्यर्थ गंवाओ इसको, बनो जीवन के जौहर।
यह सांसों की माला, कब तक चलेगी क्या जानो,
हर धड़कन है दस्तक, अंतिम हो क्या पहचानो।
इसलिए जियो खुलकर, हर रिश्ते को सम्मान दो,
प्यार और करुणा से, हर पल को मधु समान दो।
मत बांधो इसे बंधनों में, मत करो अभिमान,
यह तो बहती हुई धारा है, इसका क्या ठिकाना।
जो बीत गया सो सपना, जो है उसे संजोओ,
आने वाले कल की चिंता में, आज को मत खोओ।
यह जीवन एक अवसर है, कुछ करके दिखाने का,
मानवता की सेवा में, अपना वजूद बनाने का।
जब चले जाओगे तुम, तो यादें ही रहेंगी,
कर्मों की यह कहानी, युगों-युगों तक कहेगी।