ख्वाब रहस्य रहा तुम उल्फत में रही।
जिक्र तक नही किया गफलत में रही।।
दबे पाँव चूम लिया होंठो ने होंठो को।
ऊपरी होंठ को निचले की सहमत रही।।
तुम्हारी त्वचा का स्पर्श मखमली जैसा।
सपने संवरने लगे खुदा की रहमत रही।।
मेरे करीब जलतरंग और उमंग दिल में।
नींद के अन्दर मुस्कान सारस्वत रही।।
प्रेम कारोबार 'उपदेश' इस तरह चला।
कान-ओ-कान खबर नही गफलत रही।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




