अपने पैरो की एड़ियों पर इधर उधर घूमते हुए।
स्त्री होने के अपने अंदाज में झूमते हुए।।
स्त्रियाँ अक्सर इस सवाल को करती।
अपने को आईने के सामने निहारती रहती।।
अपने आप को अलग -अलग अंदाज में पूछती।
बता तो जरा कितनी सुन्दर हूँ आईने से पूछती।।
सुनते सब है मगर बोलता कोई नहीं 'उपदेश'।
हकीकत मे ब्रह्माण्ड जैसी सुन्दर सबसे विशेष।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
Ghaziabad

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




