चमन में बहार अबके आई तो है
मगर साथ कांटे भी लाई तो है।
देखते ही मुझे जो मुंह फेर लेता है
मेरा सगा अपना वो भाई तो है ।
भूखे परिंदे ने ख़ुद जाल में उलझके
शिकारी की दावत सजाई तो है।
सरहद लाँघना है जुर्रत तुम्हारी तुमने
खुद अपनी शामत जो बुलाई तो है।
यूं दास आँसुओ में दुनियां ना डूब जाये
पलके भिगोना इश्क की दुहाई तो है II