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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

भटक़ा हुआ युवा


रो पड़ी रूह मेरी ये सब जान कर.. ।
की लड़ रहा है इनसा धर्म के नाम पर..।

चलो माना तुमने अपने धर्म बचाया.
ना जाने कितनो को मार गिराया

अब बताओ क्या है पास में तुम्हारे ।
सन गए है खून में हाथ जो तुम्हारे ।

खून तो चलो पानी से धूल जाएगा ।
माथे पर लगे दाग उन्हें अब कोन मिटाएगा ।

क्या जिसने तुम्हे धर्म के ख़िलाफ़ भड़काया था ।
याद है कि वो तुम्हारे साथ भी आया था ।

अरे वो तो अपने मज़बूत घर में छिप जाएगा ।
तुमहरे घर कमजोर है परसासन तुम्हें खिच के ले आएगा ।

रगड़ देंगय ज़िंदगी वो जेल की दीवार पर ।
घर वाले भी थक जाएँगाय कोट की सीड़ियों पर ।

फिर बेठ कर अकेले में खुद से ये विचार करना ।
में हूँ यहाँ तो कोन देगा घर में मेरे रोटियाँ ।

क्या भूल गए तुम हिटलर के दिए हुए संदेश को ।
जिसने नाज़ी नस्ल को सर्वशेस्ट वतया था ।
नाज़ीयो के हाथों यहूदियों का नरसंहार कराया था ।

ना जाने एसी कितनी हिंसा इतिहास में दफ़्न है।

अरे धर्म की लड़ाई भी भला कोन जीत पाया है ।
इंसानियत ने॰ हमेशा धर्म को बचाया है ।

अमीर का अमीर से रिसता होता है ।
ग़रीब का ग़रीब से रिसता होता है ।

अरे धर्म जात देख कर भी क्या रिसते बनते है ।
रिस्ते तो हमारी भावनाओं से पनपते है ।

भावनाओं का भावनाओं से मेल हो जाता है ।
तब एक रिसता नया जन्म पाता है ।


निखिल कुमार ।




















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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह निखिल जी वाह, युवाओं के लिए खूबसूरत संदेश।न जाने कितनी हिंसा इतिहास में दफन है। और जिसका परिणाम भी जहां को मालूम है फिर भी क्यों सब भटक जाते हैं, वही दास्तान फिर से दोहराते हैं। सुंदर भावपूर्ण रचना।सादर अभिवादन।

Nikhil Kumar replied

बहुत बहुत शुक्रिया मनोज जी आपका 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khubsoorati sandeshatamak rachna Nikhil ji ka abhar vandan abhinandan hai aur hraday se swagat hai saadar pranam 🙏🙏💐💐

Nikhil Kumar replied

धन्यवाद अशोक जी आपका मेरी रचना को इतना प्यार देने के लिए 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut sundar prastuti 👌👌

Nikhil Kumar replied

बहुत बहुत शुक्रिया आपका रीना जी जो मेरी इस कविता का भाव आप समझ पाए 👍👍🙏🙏

Nikhil Kumar replied

रीना जी आपकी रचनाएं में कैसे पढ़ सकता हूं मुझे बताए

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