वक्त पड़ने पर सभी की आजमाइश होती है
वरना रिश्तों की महज यहाँ नुमाइश होती है
मुस्कुरा के मिल रहा है जो भी गले तपाक से
एक गहरी चाल की उसकी ख्वाहिश होती है
लोग यूँ तो हँसते भी हैं रोते भी हैं साथ साथ
दूसरे के दर्द की कब लेकिन पैमाइश होती है
शान शौकत रूप रुतबा धन दिखाने के लिए
बेवजह हर काम में नोटों की बारिश होती है
जाने कहाँ पे गुम हुआ है सीधा सादा आदमी
दास दुनियां अब धमक की रिहाइश होती है II