आज अचानक से
कोहरे ने दे दी दस्तक
मैंने दरवाजा खोला
तो देखा
कोहरा खड़ा है
अपने विशालकाय शरीर को
चारों तरफ
समान दिशाओं में
बढ़ाते हुए
गुनगुनाते हुए
यह स्वर की
शरद आ गया है
तो मैंने कहा
इसमें क्या है
वह तो आता है
हर वर्ष आता है
तब कोहरा
अचानक मुस्कराया
थोड़ा मेरे करीब आया
और कहने लगा
प्रकृति का कार्य
कार्य करने का तरीका
सहूलियत
नियमित एवं अखंड है
तभी तो हर ऋतु का
सभी को इंतजार होता है
यह कहकर कोहरा
आगे बढ़ता चला गया
लोगों को सन्देश देने के लिए
बताने के लिए
गुनगुनाने के लिए यह स्वर
की शरद आ गया है।
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