कापीराइट गजल
यह दिल आप का बेकरार है क्यूं
आपको अब मेरा, इंतजार है क्यूं
हम आएं न आएं, ये मर्जी हमारी
आपको हमसे इतना प्यार है क्यूं
अभी तो मशरूफ हैं हम काम में
आपको यूं हमारा, इंतजार है क्यूं
क्यूं बेचैन है अब दिल ये तुम्हारा
मेरे लिए इतना ये बेकरार है क्यूं
प्यार किया है तो ये इंतजार करो
यह, दिल तुम्हारा, बेकरार है क्यूं
अपने आप को संभालना सीखो
मेरे, बिना ये दिल, बेकरार है क्यूं
कभी तो ये देर भी होगी काम में
हर घङी मेरा अब इंतजार है क्यूं
ये दिन इसी तरह, गुजरेंगे यादव
इस तरह ये दिल, बेकरार है क्यूं
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है