कभी कुछ तुमको मिल जाए मेरी ग़ज़ल से।
गिले शिकवे छोड़ मिलना खुदा के फजल से।।
तमाशा दिखाने वाले एक नही कई नजर में।
उनमें से लोग परेशान देखे खुदा के फजल से।।
मतलब रहेगा तब तक व्यवहार चलाएंगे लोग।
उसके बाद 'उपदेश' बेरुखी खुदा के फजल से।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद