आसमान निश्चल है
पर मेघ कभी निश्चल न रहती
रंग - बिरंगे छा गई चारों ओर
आज का मेघ बहुत अनोखा लग रहा
देखके मन को बहुत सुकून मिलती
एक तरफ से मेघ के आकार
घाटी की तरह लग रही
और एक तरफ महावृक्ष की छाया
कुछ स्थान पर आसमान अपना
रंग ही बदल रही है
बीच में परिंदे आशियाना पहुंचने के दृश्य
उसकी आवाज में कोई संदेश निकल रहा
अचानक सारे संसार हल्की अंधकार से भर गए
अंधकार होते-होते संसार और खूबसूरत होने लगे
आज मेघों से बात करना,
और परिंदों को मित्र बनाना,
बहुत मजा आई ॥

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




