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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

बस उतनी ही

लिखती हूँ...
और फिर लिख कर मिटा देती हूँ।
मैं अक्सर खुद को...
कभी सबसे,
तो कभी... खुद ही से छिपा लेती हूँ।

जहाँ हूँ,
जैसी हूँ,
जितनी हूँ...
बस उतनी ही... किसी एक के लिए... काफ़ी होना चाहती हूँ।

मैं नहीं चाहती...
कविता बन कर... किसी महफ़िल का शोर होना।
बस कोई समझ ले...
और संजो ले...
शब्दों में बुनी मेरी ख़ामोशी को,
और मेरी सहजता में सिमटी उलझनों को।
बस इतना ही... मशहूर होना चाहती हूँ।

मेरे अनगढ़ रूप में भी,
अगर कोई अपना कर... सरहाए मुझे,
तो चाहत में उसकी,
आसमान भी छू लेना चाहती हूँ।

कोई अपनाए...
बिना बदले... बिना तराशे मुझे,
तो उस अपनाए जाने में ही...
मैं दुनिया को अपनी सम्पूर्ण पाती हूँ।

जहाँ हूँ...
जैसी हूँ...
जितनी हूँ...
बस उतनी ही...
किसी एक के लिए... काफ़ी होना चाहती हूँ।

- प्रार्थना पाठक




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत चाहत दिल में रखती हो, अपने दिल में मशहूर होने की ख्वाहिश भी रखती हो, ये तो उपरवाला ही जानता है कौन सी ख्वाहिश पूरी होगी, और तुम किसी की होने की भी ख्वाहिश रखती हो।
बहुत खूबसूरत कोशिश और बहुत सुन्दर रचना , आपको शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ और सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

सरिता पाठक said

बहुत खूबसूरत रचना प्रार्थना मै भगवान से प्रार्थना करती हूँ कि वो आपकी सभी ख्वाहिशे पूरी करें मेरा प्यार आशीर्वाद और दुआएं हमेशा तुम्हारे साथ हैँ 👌👌❤️❤️

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